जिंदगी में जो भी चाहा उसे पाने के लिए हमेशा दिल से कोशिस की, पर हर बार उस चीज़ को खो देने के डर नें कमज़ोर बना दिया। अब सोच बदल रहा हूँ, खुद से उम्मीद करते रहने और नाराज़ होने की वजाय आगे बढ़ता जा रहा हूँ क्या पता इसी राह पर चलते चलते सुकून मिल जाए। पर आगे बढ्ने का मतलब यह तो कतय नहीं की पुराने रास्ते छोड़ दूँ। अब में लाइफ में कुछ भी छोड़ने को तैयार नहीं।
जिंदगी में किसी का कर्जदार नहीं होना चाहीये और अगर कर्ज़दार हो ही जाना पड़े तो कर्ज़ चुकाने में आनाकानी नहीं करनी चाहिए....उस रास्ते पर हमेशा सुकून मिलेगा जहां वो इंसान रहेता है जिसे देख कर कलेजे को ठंडक मिलती है,
"K"
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