Monday, October 3, 2016

Navratri Essay In Hindi – नवरात्री पर हिन्दी निबंध


भारत रंग-बेरंगी त्यौहारों का देश है। यहाँ पर जीवन के हर एक प्रसंग के लिए त्यौहार है। नवरात्री का आगमन चैत्र माह और अश्विनी माह में होता है। नवरात्री पर्व की तिथि प्रतिपदा से नवमी तिथि तक होती है। नवरात्री त्यौहार हमारे देश में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार दुर्गा माँ के पूजन के लिए होता है। नौ दिन में माता के नौ रूप का पूजन किया जाता है। भक्त गण नवरात्री के दिनों में उपवास रख कर दुर्गा माँ के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा का इज़हार करते हैं तथा स्वयं के लिए सुख समृद्धि की कामना करते हैं।



देश के विभिन्न क्षेत्रों में यह त्यौहार अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। गुजरात में दांडिया और गरबा रास खेल कर श्रद्धालु यह त्यौहार मनाते हैं जब की बंगाल (कोल्कत्ता) में नवरात्री को दुर्गापूजा के नाम से जाना जाता है।


माँ दुर्गा के नौ रूप 

(1)-माँ शैलपुत्री   (2)-माँ ब्रह्मचारिणी  (3)-माँ चन्द्रघण्टा  (4)-माँ कुष्मांडा  
(5)-माँ कात्यायनी (6)-माँ सिद्धिदात्री  (7)-कालरात्रि   (8)-माँ महागौरी   
(9)-माँ स्कंदमाता


श्री राम और रावण युद्ध से जुड़ी नवरात्री की कथा
एक पौराणिक कथ के अनुसार प्रभु श्री राम जब माता सीता को दुष्ट रावण के बंधन से मुक्त कराने लंका गए थे तब उन्होने समुद्र तट पर नौ दिनों तक दुर्गा माँ की पूजा की थी और दस वे दिन उन्होने युद्ध के लिए प्रस्थान किया था। और दुर्गा माता के आशीर्वाद से उन्होने लंका के दुराचारी राजा रावण का समूल नाश कर के देवी सीता को मुक्त कराया था।



माँ दुर्गा उत्पति और महिषासुर वध
दूसरी एक प्राचीन कथा अनुसार दुर्गा माँ नें महिषासुर नामक दुष्ट राक्षश का वध कर के संसार को उसके प्रकोप से मुक्ति दिलाई थी। तभी से यह त्यौहार मनाया जाने लगा।

कथा अनुसार महिषासुर राक्षश नें अमरत्व का वरदान प्राप्त करने के उपरांत सूर्य, इंद्रा, वायु, अग्नि, चंद्रमा, वरुण, यम और अन्य देवों को अपने आधीन कर लिया और उन्हे पृथ्वी पर विचरण करने पर मजबूर कर दिया। तब समस्त देवों नें संगठित हो कर “देवी दुर्गा” का निर्माण किया और समस्त देवों नें अपने शस्त्रों और बल को देवी दुर्गा को अर्पण किया, जिस कारण वह अत्यंत बलशाली बनीं और उन्होने दुराचारी राक्षश महिषासुर का अंत किया।




विशेष

नौ दिन माँ की पूजा अर्चना करने और दांडिया गरबा खेलने के बाद दसवे दिन अनीति और पाप के प्रतीक राक्षश रावण का पुतला जला कर दशहरा मनाया जाता है। इस दिन पर भिन्न भिन्न प्रकार की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं। पटाके फोड़े जाते हैं और खुशियाँ मनाई जाती हैं। यह पर्व अधर्म और अत्याचार पर धर्म की विजय का प्रतीक माना जाता है। - जय माँ दुर्गा  
Previous Post
Next Post

post written by:

1 comment: