Friday, January 29, 2016

Hans Ka Shraap - हंस का श्राप (In Hindi )

एक हरे भरे जंगल मे एक हंस का जोड़ा रहेता था, दोनों के पूरे १०० बच्चे थे, हंस और हंसनी एक बार गिरि पर्वत पर घूमने जाने के लिये सोचते है, पर उनके बच्चे छोटे होने के कारण उन्हे साथ लेजा नहीं सकते है, इस लिये दोनों अपने १०० बच्चो को नगर के राजा के पास छोड़ जाते है,

राजा दोनों हंस और हंसनी को निश्चिंत हो कर घूम आने को कहेते है, और उनके सारे बच्चे शाही बाग मे सलामत रहेंगे ऐसा वचन दे देता है, और इस तरह हंस का जोड़ा घूमने चला जाता है,

कई दिन बीत जाते है, और राजा अपने काम मे उलज जाता है, इस बीछ राजा अपने रसोइये से बार बार फरियाद करता है, के क्या रोज़ रोज एक जैसा खाना बना रहे हो, कुछ नया स्वादिष्ठ व्यंजन बनाओ,

रसोइया नयी नयी चिजे पकाता रहेता है, पर कोय फाइदा नहीं होता, फिर अंत मे राजा अपने रसोइये को कहे देता है, के अगर तुम ने आगे से खास स्वादिष्ठ व्यंजन नहीं पकाया तो मे तुम्हें नौकरी से निकाल दूंगा,

रसोइया अपनी नौकरी बचाने के चक्कर मे कुछ खास ढूंढ रहा होता है, तभी उसे छोटे छोटे हंस के बच्चे शाही बाग मे नज़र आ जाते है, रसोइये को पता नहीं होता है, के हंस के बच्चे राजा के महेमान है,

इस लिये रसोइया रोज के १० -  १०  बच्चे   मार कर राजा के लिये खाने मे पका देता था, राजा भी ये पूछे बिना के तुम क्या पका के परोस रहे रहे हो, स्वाद के चटकारे लिये हंस के बच्चे खाता गया,

कुछ दिन बाद हंस और हंसनी अपने बच्चे लेने आते है, और राजा आदेश देता है, के इन के बच्चे शाही बाग से ले आओ, पर सिपाही खाली हाथ लौट आते है,

और तफ़तीस- यानि पूछ ताछ करने पर पता चलता है, के रसोइये ने सारे बच्चे मार कर खाना बनाने मे इस्त्माल किये  है,  ये जान कर राजा खूब गुस्सा होता है, और शर्मिंदा भी होता है, और हंस के जोड़े से माफी मांगता है,

हंस का जोड़ा काफी रोता बिलकता है, और जाते समय राजा को श्राप दे जाता है, के हम ने तुम पर विश्वास कर के अपने बच्चे तुम्हें सोपे थे, तुमने हमे वचन दिया था, के हमे अपने बच्चे सही सलामत मिलेंगे, पर तुमने आंखे होते हुवे एक अंध की तरह हमारे बच्चो का जाने अनजाने भोग लिया, इस लिये हे राजन...

Buy Fogg Men (Marco, Napoleon, Royal, Emperor) Body Spray - Each 120 ml from Snapdeal हम श्राप देते है के...

जैसे हमारे बच्चे बे मौत मारे गये और हम कुछ ना कर सके,  वैसे ही तुम्हारे भी बच्चे तुम्हारे सामने मरेंगे, और तुम कुछ नहीं कर पाओगे, 


और इस ही श्राप की वजह से एक जनम मे राजा धृतराष्ट्र अंध बनते है, और उसके १०० पुत्र उनके सामने महाभारत के महा युद्ध मे मारे जाते है, और वो इस अनहोनी को समर्थ होते हुए भी रोक नहीं पाते,


==============================================================


सार - अगर कोय ज़िम्मेदारी ली है तो उसके प्रति सजाग रहेना चाहिये,

अगर कोई चीज़ या व्यंजन प्रकृति से अलग नज़र आये, या अलग स्वाद दे तो, पता ज़रूर करना चाहिये, के क्या है, क्यू की क्या पता आप के स्वाद के चटकारे मे किसी की सिसकीय या बद दुआ छुपी हो।॰



Read Also - अछूत विद्यार्थी 
Previous Post
Next Post

post written by:

0 comments: