एक बार सलीम सटकेला हाइवे पर सुबह सुबह अपना ढाबा खोलते समय देखता है के एक टेम्पो रोड पर उल्टा पड़ा है, और डेढ़ पसली का एक इंसान टेम्पो को धक्का मार कर सीधा करने मे लगा हुआ है, सलीम सटकेला दौड़ कर जाता है और उसकी मदद करने लगता है,
पर काफी ज़ोर लगाने के बाद भी टेम्पो हिलता नहीं है, इस लिए सलीम सटकेला बोलता है के भाई ये सीधा नहीं होगा अभी तू थोड़ी देर मेरे ढाबे पे बैठ कर आराम कर ले, फिर कुछ सोचना,
पर फिर भी वो दुबला पतला इंसान रुकता नहीं है और धक्का लगा लगा के टेम्पो सीधा करने मे लगा रहेता है,
सलीम सटकेला फिर बोलता है के भाई ये हम से सीधा नहीं होगा रहने दे,
इस बार वो डेढ़ पसली जवाब देता है, के नहीं खालिद भाई मारेंगे, मुजे टेम्पो सीधा करना ही होगा,
सलीम अब गुस्सा हो जाता है, और कहेता है के अबे येडे तुजे समज नहीं आता के ये भारी टेम्पो हाथ से नहीं हटेगा, अब चल वरना मे जाता हु,
ये बोल कर सलीम सटकेला अपने ढाबे पे चला जाता है, पर फिर भी वो दुबला पतला आदमी टेम्पो को धक्के देने मे लगा रहेता है,
एक घंटे तक ये सब चलता रहेता है, फिर सलीम सटकेला को दया आ जाती है, वो फिर से टेम्पो के पास जाता है और उस आदमी को बोलता है...
के तू घबरा मत मे तेरे खालिद भाई को बोल दूंगा के तेरी गलती से ये टेम्पो नहीं पलटा है, वो तुजे नहीं मारेंगे, शांत हो जा और 2 मिनट मेरे ढाबे पे आराम कर ले भाई,
वो आदमी फिर से पलट के धक्का देने लगता है, तो सलीम सटकेला अपना फोन निकाल लेता है, और बोलता है के ला मे तेरे सेठ खालिद भाई को फोन कर के समजा देता हु, वो तुजे नहीं मारेगा,
इस बार वो दुबला पतला इंसान खालिद भाई के नंबर दे देता है, पर धक्का लगाना बंध नहीं करता,
सलीम सटकेला फोन घुमाता है, पर खालिद फोन नहीं उठाता है, फिर से सलीम बोलता है भाई बस कर तू थक जाएगा, मर जाएगा, रुक जा, और एक काम कर तेरे खालिद का पता दे मे उसके घर हो के आता हु,
वो दुबला पतला इंसान धक्का लगाते लगाते खालिद का एड्रैस देता है, सलीम सटकेला फ़ोरन उस पते पे जा कर दरवाजा खटखटाता है, तो खालिद की बीवी रज़िया दरवाजे पे आती है, और जवाब देती है के....
भाड़ मे गया खालिद और उसका टेम्पो मे तो अनवर के साथ भाग रही हु, बाइ बाइ,
सलीम सटकेला फिर से ढाबे पे लौटता है, और देखता है वो सिंगल पसली अब भी लगा हुआ है तीन घंटे से, धक्का देते हुए,
इस बार सलीम सटकेला उसे पूछता है के तेरा खालिद भाई फोन उठाता नहीं, उसकी चालू बीवी जवाब देती नहीं, तू यहा रुकता नहीं, आखिर मांजरा है क्या ?
कहा है ये तेरा कमीना खालिद भाई ???.....
इस बार वो दुबला पतला दिमाग से पैदल इंसान जवाब देता है, के
जी खालिद भाई टेम्पो के नीचे दबे पड़े है जी.....
हाहाहा हाहाहा हाहाहा हाहाहा
पर काफी ज़ोर लगाने के बाद भी टेम्पो हिलता नहीं है, इस लिए सलीम सटकेला बोलता है के भाई ये सीधा नहीं होगा अभी तू थोड़ी देर मेरे ढाबे पे बैठ कर आराम कर ले, फिर कुछ सोचना,
पर फिर भी वो दुबला पतला इंसान रुकता नहीं है और धक्का लगा लगा के टेम्पो सीधा करने मे लगा रहेता है,
सलीम सटकेला फिर बोलता है के भाई ये हम से सीधा नहीं होगा रहने दे,
इस बार वो डेढ़ पसली जवाब देता है, के नहीं खालिद भाई मारेंगे, मुजे टेम्पो सीधा करना ही होगा,
सलीम अब गुस्सा हो जाता है, और कहेता है के अबे येडे तुजे समज नहीं आता के ये भारी टेम्पो हाथ से नहीं हटेगा, अब चल वरना मे जाता हु,
ये बोल कर सलीम सटकेला अपने ढाबे पे चला जाता है, पर फिर भी वो दुबला पतला आदमी टेम्पो को धक्के देने मे लगा रहेता है,
एक घंटे तक ये सब चलता रहेता है, फिर सलीम सटकेला को दया आ जाती है, वो फिर से टेम्पो के पास जाता है और उस आदमी को बोलता है...
के तू घबरा मत मे तेरे खालिद भाई को बोल दूंगा के तेरी गलती से ये टेम्पो नहीं पलटा है, वो तुजे नहीं मारेंगे, शांत हो जा और 2 मिनट मेरे ढाबे पे आराम कर ले भाई,
वो आदमी फिर से पलट के धक्का देने लगता है, तो सलीम सटकेला अपना फोन निकाल लेता है, और बोलता है के ला मे तेरे सेठ खालिद भाई को फोन कर के समजा देता हु, वो तुजे नहीं मारेगा,
इस बार वो दुबला पतला इंसान खालिद भाई के नंबर दे देता है, पर धक्का लगाना बंध नहीं करता,
सलीम सटकेला फोन घुमाता है, पर खालिद फोन नहीं उठाता है, फिर से सलीम बोलता है भाई बस कर तू थक जाएगा, मर जाएगा, रुक जा, और एक काम कर तेरे खालिद का पता दे मे उसके घर हो के आता हु,
वो दुबला पतला इंसान धक्का लगाते लगाते खालिद का एड्रैस देता है, सलीम सटकेला फ़ोरन उस पते पे जा कर दरवाजा खटखटाता है, तो खालिद की बीवी रज़िया दरवाजे पे आती है, और जवाब देती है के....
भाड़ मे गया खालिद और उसका टेम्पो मे तो अनवर के साथ भाग रही हु, बाइ बाइ,
सलीम सटकेला फिर से ढाबे पे लौटता है, और देखता है वो सिंगल पसली अब भी लगा हुआ है तीन घंटे से, धक्का देते हुए,
इस बार सलीम सटकेला उसे पूछता है के तेरा खालिद भाई फोन उठाता नहीं, उसकी चालू बीवी जवाब देती नहीं, तू यहा रुकता नहीं, आखिर मांजरा है क्या ?
कहा है ये तेरा कमीना खालिद भाई ???.....
इस बार वो दुबला पतला दिमाग से पैदल इंसान जवाब देता है, के
जी खालिद भाई टेम्पो के नीचे दबे पड़े है जी.....
हाहाहा हाहाहा हाहाहा हाहाहा
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