बाघ एक मांसाहारी पशु है। इस जीव का शरीर काफी मज़बूत और फुरतीला होता
है। बाघ बिल्ली परिवार का सदस्य बताया जाता है। सामान्य रूप से बाघ का रंग पीला या
हल्का पीला होता है, और
उनके शरीर पर काली भूरी धारियाँ पायी जाती हैं। बाघ की आहार शृंखला मे खून और मांस
आता है। बाघ हिरण, खरगोशा, शूकर और दूसरे छोटे पशु का शिकार कर के अपना पेट पालते हैं।
बांधवगढ़ के जंगल में बाघ अधिक पाये जाते हैं। बाघ एक संरक्षण पाया
हुआ जीव है। भारत देश में बाघ के शिकार पर संपूर्ण प्रतिबंध है। बाघ को करीब से
देखना हो तो, सब
से अच्छी जगह चिड़िया घर होती है। सर्कस में बाघ और दूसरे पशु रिंग मास्टर के इशारे
पर कर्तव प्रदर्शित करते देखे जा सकते हैं।
नुकीले दाँत, चार
मज़बूत पैर, लंबी
धारी दार पुंछ, और विशाल जबड़ों के साथ बाघ एक खूंखार शिकारी जानवर की हरोड में आता है।
ऐसा कहा जाता है की बेंगोल टाइगर सम्पूर्ण विश्व के Tiger में सब से विशाल आकार के
बाघ होते हैं। और इसी कारण हमारा देश भारत, विश्व भर के पर्यटकों में
आकर्षण का केंद्र बना रहता है।
ज़्यादातर बाघ दूर दराज़ इलाकों में अकेले रहना पसंद करते हैं। बाघ
अपनें इलाकों की सीमा को ले कर बड़े सवेदनशील होते हैं। किसी भी अन्य पशु को अपने
इलाके में देख कर बाघ फौरन हमला कर सकता है। दिन प्रतिदिन मानव संख्या (population) बढ़ती जा रही है, इस लिए जगल काट काट कर
मानव आवास बनाए जा रहे हैं।
भारत की शान “बाघ” का घर छोटे छोटे क्षेत्रों
में सिमटता जा रहा है, इस कारण कई बार इन्सानों और बाघों की मूठ-भेड़ के किस्से सामनें आते रहते
हैं।सम्पूर्ण वन्य जीवन और उसकी शान “बाघ” को बचाना है तो हमें जंगल भी बचाने होंगे। वरना आने वाली पीढ़िया शेर और बाघ जैसे बे-मिसाल वन्य जीव सिर्फ तसवीरों और
विडियो में ही देख पाएंगे।
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