जंगल में घना अंधेरा छाया होता
है। और विभिन्न प्रकार के पशु पक्षी डर का भास करते हुए डरावनी आवजे निकाल रहे होते
हैं। पैड पर उल्टा लटका हुआ डरावना बैताल सारे जंगल को भयभीत करता हुआ हसे जा रहा होता
है। तभी परमवीर बहादुर राजा विक्रमादित्य बैताल को अपने आधीन कर के अपनी पीठ पर लाद
कर आगे बढ्ने लगते हैं। रास्ता लंबा होने के कारण बैताल विक्रम राजा को एक कहानी सुनाता
है।
और...विक्रम राजा से यह शर्त
रखता है के... अगर तुम बोले तो में उड्ड जाऊंगा...
बैताल कहानी सुनना शुरू करता
है...
कुशमवाती नगर की चन्द्रप्रभा
नाम की राजकुमारी को मनुकुमार नाम के व्यक्ति से प्रेम हो जाता है। मनुशंकर भी राजकुमारी
से विवाह करना चाहता था, पर उन दोनों का विवाह संभव नहीं था। क्यूँ की चन्द्रप्रभा
के पिता अपनी राजकुमारी बेटी का विवाह एक साधारण पुरुष से कभी नहीं होने देते।
राजकुमारी चन्दप्रभा मनुकुमार
को कहती है की वह उसे भूल जाए। क्यूँ की उसके पिता को उनके प्रेम संबंध के बारे में
पता चल गया है। और क्रोध में आ कर वह तुम्हें मृत्यु दंड भी दे सकते हैं। मनु वहाँ
से चला जाता है। और जंगल की और चलने लगता है।
अंधेरे में मनु देखता है की
कुछ लुटेरे जादूगरों के समूह को डरा धमका कर लूट रहे होते हैं। मनु फौरन उन जादूगरों
के समूह की मदद करता है और लुटेरों को युक्ति पूर्वक दूर भगा देता है। मनुकुमार के
इस अहसान के बदलेमें समूह का एक जादूगर मनु से खुश हो कर कुछ बदला मांगने को कहता है।
मनु जादूगर से ऐसा उपाय मांगता
है, की वह राजकुमारी चन्द्र प्रभा के पास रह सके और उसे कोई पहचान ना
सके जादूगर मनु को एक चमत्कारी अंगूठी देता है, और बताता है की अगर यह अंगूठी
दाए हाथ की उंगली में पहन लोगे तो तुम एक स्त्री में परिवर्तित हो जाओगे। और बाए हाथ
में इस अंगूठी को पहन लेने पर तुम अपने असली रूप में द्रश्यमान हो जाओगे। मनु,
जादूगर और जादूगर का बेटा तीनों उसके बाद राजकुमारी के पिता के दरबार में पहोंच जाते
हैं। मनु स्त्री का रूप धारण करता है, जादूगर ब्राहमीण का रूप लेता है।
और ब्राह्मण रूप में छुपा जादूगर
राजा से कहता है की में और मेरा पुत्र शशि यात्रा करने जा रहे हैं और मेरी भावी पुत्र
वधू मनुकूमारी (असल में मनुकुमार) को यात्रा से वापीस आने तक आप के यहाँ छोड़े जाना
चाहते हैं।
राजा तुरंत हाँ कर देते हैं
और मनुकूमारी को राजकुमारी चन्द्रप्रभा के साथ ठहरने की आज्ञा दे देते हैं। मनु अपनी
प्रेयसी के साथ समय बिताने लगता है। और एक दिन मौका देख कर अपनी असलियत भी चन्द्रप्रभा
से जाहीर कर देता है। जिसे जान कर चन्द्रप्रभा भी आनंदित हो जाती है।
गड़बड़ तब होती है जब राजा के
एक मंत्री के पुत्र को मनुकुमार के स्त्री रूप से प्रेम हो जाता है। और वह मनुकूमारी
को प्रस्ताव दे बैठता है। मनुकुमारी के प्रस्ताव अस्वीकार करने पर मंत्री का बेटा खुद
को अपने घर में बंद कर लेता है। और उदास हो कर खुद की जान ले लेने की धम्की दे देता
है।
मंत्री के बेटे की यह हालत
राजा को पता चलते ही वह भावुक हो कर मनुकुमारी का विवाह मंत्री के बेटे से करवाने का
वचन मंत्री को दे देते है। और मनुकुमारी को आदेश भी सुना देते हैं। दुर्भाग्य वश मनुकुमारी
की दाए हाथ की उंगली घायल हो जाती है। और वह उस उंगली में अंगूठी पहन कर अपने पुरुष
रूप में वापिस नहीं आ पाता है।
इन सब बातों का पता चलते ही
जादूगर ब्रहमीण का रूप के कर गुस्से में राजा के पास आता है और अपनी भावी पुत्रवधू
खुद के हवाले करने की मांग करता है। राजा के मना करने पर जादूगर अपने असली रूप में
आ कर, अपने जादू के प्रभाव से राजा के सिंहासन के पीछे आग लगा देता है।
और सिंहासन को हवा में उठा लेता है। राजा डर के मारे जादूगर को बिनती करता है की मनुकुमारी
तो पहले ही जा चुकी है। पर वह अपनी पुत्री चन्द्रप्रभा से उसके बेटे शशि का विवाह करा
देगा। जादूगर अपने बेटे के लिए राजकुमारी के विवाह की बात सुन कर ललचा जाता है और खुस
हो कर राजा को नीचे उतार देता है।
यह बात मनुकुमारी तक पहोंच
जाती है। और वह ज़ोर लगा कर किसी भी तरह अंगूठी बाए हाथ में पहन कर मनुकुमार / पुरुष
स्वरूप में आ जाती है। मंत्री का बेटा यह देख कर चौंक जाता है,
और मनु वहाँ से भाग निकलता है। फिर मनु वहाँ पहोंच जाता है जहां राजा और जादूगर मिल
कर चन्द्रप्रभा और शशि का विवाह करवा रहे होते हैं।
मनु कुमार वहाँ जा कर सब से
हकीकत कहते हैं और राजा से कहते हैं की वह चन्द्रप्रभा के असली प्रेमी हैं और उनका
विवाह खुद से ही होना चाहिए। जादूगर कहता है की मुजे तुमने वचन दिया था। इस लिए चन्द्रप्रभा
का विवाह मेरे पुत्र शशि से ही होना चाइए।
***
बेताल पूछता है की चन्द्रप्रभा
का विवाह किस से होना चाहिए शशि से की मनुकुमार से? इस के उत्तर में विक्रम राजा
कहते हैं की मनु चन्द्रप्रभा का प्रेमी था पर राजकुमारी का विवाह शशि से हो रहा है
जिसका विरोध राजकुमारी ने नहीं किया और शशि के पिता को राजा ने वचन भी दिया है इस लिए
राज कुमारी का विवाह शशि से होना चाहिए।
विक्रम राजा के उत्तर देते
ही बेताल हवा में उड्ड जाता है और वापिस अपने पैड पर उल्टा लटक जाता है और कहने लगता
है की मेंने कहा था तुमने अगर उत्तर दिया तो में उड्ड जाऊंगा...
वार्ता पसंद आने पर कमेंट जरूर करें।
0 comments: