एक वक्त की बात है, जब बादशाह अकबर अपने बगीचे मे बीरबल के साथ गोटी या खेल रहे थे, अकबर हर बार दाव लगाते और बीरबल को हरा देते, ये सिलसिला सुबह से शाम तक चला, अंधेरा होते ही दोनों ने खेल समाप्त करने का फेसला लिया, जाते जाते अकबर ने बीरबल को ताना मारा, के देखा ? आखिर बाप बाप होता है और बेटा बेटा, मे इस सल्तनत का बाप हु, और सब से बड़ा खिलाड़ी भी,
बीरबल से रहा नहीं गया उसने भी मस्ती मे धासु जवाब दे डाला, और कहा के ऐसा कुछ भी नहीं है, हर एक कुत्ते का दिन आता है, रोज़ रोज़ डेंगू के मछर के नसीब मे ताज़ा खून पीना नहीं लिखा होता, किसी दिन कछवा अगरबत्ती के धुए मे कब गुम हो जाओगे पता भी नहीं चलेगा जाहपना, [Read More...]
बीरबल से रहा नहीं गया उसने भी मस्ती मे धासु जवाब दे डाला, और कहा के ऐसा कुछ भी नहीं है, हर एक कुत्ते का दिन आता है, रोज़ रोज़ डेंगू के मछर के नसीब मे ताज़ा खून पीना नहीं लिखा होता, किसी दिन कछवा अगरबत्ती के धुए मे कब गुम हो जाओगे पता भी नहीं चलेगा जाहपना, [Read More...]
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