जीवन
में अनुशासन का गहरा महत्व है। व्यक्ति चाहे तो खुद पर काबू रख कर अनुशासीत हो कर अपनी
ज़िंदगी सवार सकता है। अनुशासन ही सफलता की चाबी है। घर, परिवार, समाज, गाँव, शहर, राज्य और राष्ट्र में हर जगह सभी कार्यों में अनुशासन
की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। किसी भी मण्डल, कंपनी, स्कूल, बटालियन, एक सरकार, एक समूह या संस्था की प्रणाली को सुव्यवस्थित रूप से चलाने के लिए अनुशासन
परम आवश्यक होता है।
खुद
पर काबू रखनें की कला को ही अनुशासन कहा जाता है। अनु+साशन। जिस व्यक्ति नें खुद के
मन पर काबू पा लिया, खुद को जीत लिया, उसने जग जीत लिया। जीवन में कई ऐसे मुकाम आते हैं जब व्यक्ति को अपने फैसले
अपने आप लेने होते हैं। एक अनुशासीत व्यक्ति आत्मविश्वास से भरा होता है, और वर्तमान परिस्थिति को समज कर, अपने लिए हमेशा सही
फ़ैसला कर पता है। किसी भी सफल इन्सान के पीछे उसकी धुन-लगन, अपनें काम के प्रति समर्पण तथा अनुशासन का बड़ा हाथ होता है।
व्यक्ति
को हमेशा परिश्रम, मर्यादा, ईमानदारी, करुणा और भाईचारे में विश्वास रख कर अपनें जीवन का सिंचन करना चाहिए। हमेशा
एक विद्यार्थी की भाँति सीखते रहेना चाहिए। माता पिता की आज्ञा का पालन करना सन्तान
का प्राथमिक कर्तव्य है। मित्रों को सहायता करना एवं गुरु जनों को मान देना और उनका
दिल से सम्मान करना भी एक आदर्श शिष्य का कर्तव्य है।
जीवन
में आने वाले कठिन समय में व्यक्ति को आपा खोये बिना, अनुशासीत रह कर परेशानियों का हल निकालना चाहिए। व्यक्ति को एक जिम्मेदार
नागरिक बन कर अपने घर, समाज और राष्ट्र की मर्यादा का पालन करना
चाहिए। सफलता पाने के बाद उसे टिकाये रखने के लिए अनुशासन अति महत्वपूर्ण होता है।
शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से अनुशासीत व्यक्ति ज़्यादा समय
तक निष्फल नहीं रहेता है। दूसरों को अनुशासन का पाठ पढ़ाने से पहले व्यक्ति को खुद आदर्श
अनुशासीत व्यक्ति बन कर एक श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।
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