यह कहानी है बालू नाम के एक आदमी की जिसे काम काज से परहेज है, और मुफ्त की रोटियों से प्यार है, बालू लंगर देख लार टपकाने वाला भूकड़ इंसान है, बालू अपनी जरूरते पूरी करने के लिये, छोटी मोटी चोरी चकारी कर के गुज़रा कर लेता, और बालू की पत्नी रोज़ बालू को मार पीट कर घर के बाहर काम काज करने भेजती थी, पर बालू हमेशा खाली हाथ लौट आता था,
एक दिन बालू की बीवी बालू को शाम तक 20 रुपये कमा के लाने को कहेती है, और पैसा न लाने पर घर मे घुसने नहीं देने की धम्की दे देती है, बालू सिर खुजाता हुआ बाज़ार मे जाता, पर काम काज करने का उसका कभी इरादा नहीं होता, बालू पैसे चोरी करने का फैसला करता है [Read More...]
एक दिन बालू की बीवी बालू को शाम तक 20 रुपये कमा के लाने को कहेती है, और पैसा न लाने पर घर मे घुसने नहीं देने की धम्की दे देती है, बालू सिर खुजाता हुआ बाज़ार मे जाता, पर काम काज करने का उसका कभी इरादा नहीं होता, बालू पैसे चोरी करने का फैसला करता है [Read More...]
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